UPSC छोड़ इलेक्शन में उतर पड़े अवध ओझा सर, दिल्ली इलेक्शन में मिला बड़ा झटका

UPSC छोड़ इलेक्शन में उतर पड़े अवध ओझा सर, दिल्ली इलेक्शन में मिला बड़ा झटका

सिविल सेवा परीक्षक से राजनेता बने अवध ओझा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे।

 

ojha sir election: दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्र में से एक पटपड़गंज पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की राजनीतिक गतिशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2008 के परिसीमन प्रक्रिया के साथ स्थापित यह तब से क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में से एक महत्वपूर्ण युद्ध क्षेत्र बन गया। 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए इस दौड़ में प्रमुख उम्मीदवारों में आम आदमी पार्टी के अवध ओझा भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले रविंद्र सिंह नेगी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनिल कुमार शामिल थे।

 

अपना जलवा नहीं दिखा पाए ओझा सर

 

पटपड़गंज निर्वाचन क्षेत्र में कुल 231461 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें पिछले चुनाव यानी की 2020 में 142246 वोट पड़े थे। 2020 के दिल्ली विधानसभा में मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी को 3027 मतों के अंतर से हराकर मामूली जीत हासिल की। सिसोदिया को 700163 वोट मिले जबकि नेगी को 66956 वोट मिले थे। लेकिन इस बार इस निर्वाचन क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी ने पटपड़गंज से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को चुनौती देते हुए कहा था कि यहां भाजपा के अलावा और कोई भी खड़ा होकर दिखाएं। इस चुनौती को सुनकर मनीष सिसोदिया जी ने अपने कदम पीछे कर लिए और तब आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को पटपड़गंज की टिकट देकर चुनावी मैदान में खड़ा कर दिया। सिविल सेवा परीक्षक से राजनेता बने अवध ओझा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन अपने पहले ही चुनाव में दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से हार गए चुनाव आयोग के अनुसार ओझा भाजपा के रविंद्र सिंह नेगी से 28072 मतों से हार गए हैं।

 

कौन है अवध ओझा सर?

अवध ओझा का जन्म उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था, उनके पिता पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत थे और उनकी मां वकील थी। उनके माता-पिता ने उन्हें डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने का लक्ष्य रखा था। आम आदमी पार्टी के एक आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि ओझा ने 2005 में इतिहास में विशेषज्ञ के साथ अपने शिक्षक करियर की शुरुआत की और उनके पास हिंदी साहित्य में एमए, एलएलबी, एमफिल और पीएचडी सहित कई शैक्षणिक योग्यताएं हैं। इन्होंने इकरा आईएएस अकैडमी की स्थापना के लिए 2019 में पुणे चले गए 2 दिसंबर को केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और 2025 के विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।